दिमाग को रखना है रिलैक्स तो करें ये 4 योगासन, साथ ही शरीर भी रहेगा फिट

दिमाग को रखना है रिलैक्स तो करें ये 4 योगासन, साथ ही शरीर भी रहेगा फिट

सेहतराग टीम

हमारे जीवन को खुशहाल औऱ निरोग बनाने में योग सबसे महत्वपुर्ण चीज है। इसलिए तो हमारे देश में योग को महत्वपुर्ण माना गया है। योग द्वारा हम अपने शरीर को फिट और तंदुरूस्त रख सकते हैं। योग से जहां एक तरफ शरीर फिट रहता है वहीं दूसरी तरफ रोजाना योग करने से दिमाग भी सही तरह से कार्य करता हैं। वैसे तो कई तरह के योग हैं जिनकी मदद से हम अपने आप को फिट रख सकते हैं। लेकिन आज हम उन योग के बारे में बात करेंगे जो हमारे नर्वस सिस्टम को भी फिट और सक्रिय करते है।

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दिमाग को रिलैक्स रखने वाले योग (Yoga Poses to Help Relax Your Mind and body in Hindi):

योग के दौरान शरीर से टेंशन दूर होने लगती है जबकि मांसपेशियां रिलैक्स होने लगती हैं। पैरासिम्पैथेटिक नव्र्स सिस्टम के सक्रिय होने से एंड्रोफिंस को रिलीज़ होने में मदद मिलती है, इन्हें हैपी हार्मोन्स भी कहा जाता है। योगासन के अभ्यास और प्राणायाम में सांस लेने और छोडऩे से स्ट्रेस और एंग्ज़ायटी को दूर रखने में काफी हद तक मदद मिलती है।

धनुरासन

यह आसन न सिर्फ शोल्डर्स बल्कि सीने, और गर्दन की मांसपेशियों को भी एक्सपेंड करने में मदद करता है। यह पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों और पीठ को मज़बूत बनाता है और शरीर की कोर स्ट्रेंथ को स्ट्रॉन्ग बनाने में मददगार है।

शवासन

शवासन, एंग्ज़ाइटी और डिप्रेशन को दूर करने के लिए किए जाने वाले योगासनों में से सबसे बेहतर है। शवासन न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग को ज़बरदस्त आराम देता है। कठिन वर्कआउट में आमतौर पर स्ट्रेचिंग, ट्विस्टिंग, कांट्रैक्टिंग और मसल्स की इवर्टिंग शामिल होती है। ऐसे योगासन के बाद शरीर को रीचार्ज करने के लिए आराम बेहद ज़रूरी है। किसी भी तरह की हाई इंटेंसिटी वर्कआउट या योग के बाद शवासन का अभ्यास ज़रूर करना चाहिए। महज़ 5-10 मिनट शवासन का अभ्यास करने से ही पूरे शरीर को एनर्जी मिल जाती है। योग से शरीर के नर्वस सिस्टम में ढेर सारी न्यूरोमस्क्युलर इनफॉर्मेशन पहुंचती है। इसे करने के लिए सीधे लेट जाएं। पैरों के बीच में थोड़ा गैप रखें। दोनों हाथों को भी फैलाएं। सिर एकदम छत की ओर होना चाहिए।

उत्थित त्रिकोणासन

इस आसन में ट्विस्ट के साथ ही स्ट्रेचिंग को शामिल किया जाता है। उत्थित त्रिकोणासन न सिर्फ रीढ़ की हड्डी को खोलने में बल्कि एंग्ज़ायटी को दूर करने में भी मदद करता है। इसे करने के लिए एकदम सीधे खड़े हो जाएं। पैरों में गैप बनाएं। अब दाएं हाथ को ज़मीन पर रखते हुए बाएं हाथ को एकदम सीधा रखने का प्रयास करें। इस अवस्था में 30 सेकंड तक रुकें। ठीक दूसरे हाथ से भी करने का प्रयास जारी रखें।

दंडासन

यह आसन शरीर में कोर स्ट्रेंथ विकसित करने में मदद करता है। इसका अभ्यास पहली नज़र में आसान दिख सकता है। लेकिन सांसों को नियमित रूप से लेने और छोडऩे के साथ ही रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में काफी ज़ोर लगाना पड़ता है। एक बार जैसे ही आप इस आसन को करना बंद करते हैं, रीढ़ पुरानी स्थिति में वापस आ जाती है। इसके साथ ही सारा स्ट्रेस और तनाव भी कम करने में मदद मिलती है। इस बेसिक से दिखने वाले आसन को करने से स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। इसे कम से कम तीन बार दोहराएं।

 

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